Sunday, March 20, 2011

आरती श्री गणेश जी की

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .
माता जाकी पारवती पिता महादेवा ..

एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी .
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ..

अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया .
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..