Sunday, May 27, 2012

काम पिपासु ही नही ..... सत्ता पिपासु भी थे हमारे कथित चचाजान


आज हमारे कथित चचाजान जवाहरलाल नेहरु का मृत्यु दिवस है. भतीजा-भतीजी होने के नाते हमे अपने चचाजान को याद करने का हक तो बनता ही है. तो आज हम याद करते हैं कि हमारे चचाजान देश के प्रथम प्रधानमंत्री कैसे बने.
आजादी के समय कांग्रेस वर्किंग कमेटी में यह फ़ार्मूला निकाला गया था कि कांग्रेस के तमाम प्रदेशों के अध्यक्ष जिसके नाम पर सर्वाधिक वोट ड़ालेंगे वही कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा और वही देश का प्रथम प्रधानमंत्री बनेगा. इसी फ़ार्मूले के आधार पर वोट ड़लवाये गये.
क्योंकि हमारे चचाजान श्रीजवाहरलाल नेहरु एक नम्बर के अय्याश और रंगीन मिजाज के थे और लेडी माउंट बेटन के साथ जो उनके समबन्ध थे उसके बारे में देश का बच्चा-बच्चा जानता था इसलिये ऐसे चरित्रहीन व्यक्ति का हारना स्वभाविक ही था और हुआ भी यही वोटिंग में चचा को केवल 1 वोट मिला और सरदार पटेल को 14 वोट मिले. मतलब की चचा हार गये.
चचा की गंजी खोपड़ी को समझ आ गया कि फ़ार्मूले के हिसाब से तो वो प्रधान मंत्री बनने से रहे. तब हमारे सत्ता पिपासु, लालची चचाजान ब्लैक मैलिंग पर उतर आये और पहुँच गये हमारे कथित राष्ट्रपिता करमचंद के पास और कट टू कट बोले- अगर मैं प्रधानमंत्री नही बना तो मैं कांग्रेस को तोड़ दूंगा और अगर कांग्रेस टूट जायेगी तो अंग्रेज हिंदुस्तान से नही जायेंगे और उनको यह बहाना मिल जायेगा कि कौन सी कांग्रेस को हम सत्ता दें. जो कांग्रेस नेहरुवादी है या जो बाहरवाली कांग्रेस है.
और हमारे कथित बापू हो गये ब्लैक मैलिंग के शिकार.और लिख डाली सरदार पटेल को एक प्रसनल चिठ्ठी. (जिसका रिकार्ड़ गाँधी के सेक्रेटरी प्यारे लाल की लिखित किताब ''पूर्ण आहूति'' में प्रकाशित है.) कि सरदार पटेल मैं जानता हूँ कि तुम जीत गये हो. लेकिन नेहरु इस समय सत्ता के मद में अँधा हो गया है और कांग्रेस को तोड़ने की बात कर रहा है और अगर इस समय कांग्रेस टूट गई तो अंग्रेज जायेंगे ही नही. उनको बहाना मिल जायेगा कि हिन्दुस्तान में हम कौन सी कांग्रेस को सत्ता सौंपे. कांग्रेस न टूटे. इसलिये मैं चाहता हूँ कि तुम अपना नाम वापिस ले लो.
सरदार पटेल ने सीधा बापू से मिलकर कहा कि - बापू अगर ये आपकी आर्न्तात्मा है तो मैं हमेशा से आपका सेवक रहा हूँ. आप कहते हैं तो मैं अपना नाम वापिस ले लेता हूँ और दरियादिली दिखाते हुये सरदार पटेल ने अपना नाम वापिस ले लिया.
इस तरह की चालबाजी से हमारे प्यारे चचाजान हिन्दुस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री बनें.
ऐसे कथित चचा के मृत्यु दिवस पर, चचा 420 को सादर नमन.....