Wednesday, March 7, 2012

मुझ पर हंसने वालों एक दिन दुनिया तुम पर हंसेगी.....!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

मेरे फ़ेल होने का जश्न मनाने वालों जीते तुम भी नही हो. इसलिये मुझ पर हंसने से पहले तुम्हें मुलायम राज का शोक मनाना चाहिये और आत्म मंथन करना चाहिये कि जिस मुलायम के शासन काल में बलात्कार, रंगदारी, अवैध वसूली, अपहरण, आतंकवाद को संरक्षण देना चर्मोत्कर्ष पर था, उसी गुण्ड़ाराज को उत्तर-प्रदेश की जनता ने दुबारा क्यों चुना???? क्या वजह है कि मायावती अपनी हार की वजह मुसलिम मतदाताओं को मान रही हैं.
सोचिये कही सचमुच ऐसा तो नही है कि मुसलिम जिसे जिताना चाहे उसे जिता सकते हैं और अगर ऐसा है तो वह अगर अपने मोहरे (मुलायम) को सत्ता के सिंहासन पर बैठा सकते हैं. तो अपने मुल्ला नेता को क्यों नही????? सोचिये अगर वह यू.पी. मे अपनी ताकत के बल पर सरकार बना सकते हैं तो वह दिन भी दूर नही जब अधिकतर लोकसभा क्षेत्रों से मुसलमान उम्मीदवार चुनाव जीतकर दिल्ली में मुल्लावादी सरकार बना देंगे. उसके बाद इस भारतीय सविधान की जगह कुरान का कानून जिसे शरियत का कानून कहते हैं लागू होगा. तब हिन्दुओं की धन-दौलत, फ़ैक्ट्री, व्यापार, खेत और मकान, हिन्दुओं द्वारा बनवाये गये स्कूल, अस्पताल, धर्मशाला और मंदिर आदि पर मुसलमानों का कब्जा होगा. फ़िर कुरान के आदेशानुसार काफ़िर हिन्दुओं के कत्लेआम के साथ उनकी लड़कियों व औरतों को पकड़कर मुसलमान बनाने का सिलसिला शुरु होगा. प्रत्यक्ष रुप से माना जाये तो फ़िर से मुगल सल्तनत शुरु हो जायेगी.
सोचिये... जिस दिन मुसलमान अपने वोट के बल पर शासन में आ गये तो वह वैध तरीके से भारत की सत्ता पर सदैव के लिये कब्जा जमा लेंगे. तब हिन्दु, मुल्ला गुलामी से कभी बाहर नही निकल पायेगा और अबकि उन्हें कोई अंग्रेज भी बचाने नही आयेगा (अंग्रेजो का नाम लेने का यह मतलब नही कि अंग्रेजों की गुलामी सही थी परन्तु उनकी गुलामी मुसलिम गुलामी से सभ्य थी) क्योकि वे वैध तरीके से भारत की सत्ता हासिल करेंगे.
इतिहास इस बात का गवाह है कि हिंसावादी कट्टर मुसलमानों के हाथों में जब-जब भारत का राज आया है उन्होंने हिन्दुओं को मारा, काटा, लूटा और अपमानित किया तथा उनकी औरतों और लड़कियों को छीना. तलवार के जोर पर आतंक फ़ैला कर अपने धर्म का विस्तार किया. हिन्दुओं को नरक से भी ज्यादा कष्टप्रद जीवन जीने को मजबूर किया.
अब बहुत से बुद्धिजीवी यह कह सकते हैं कि यह सब पुरानी बातें है आज से इन बातों का कोई सरोकार नही है तो यह बुद्धिजीवी कृप्या मुसलिम बहुल इलाकों की तरफ़ देखें की खतरे की घण्टी बज चुकी है जहाँ पर भी मुसलिमों का दबदबा है. वहा पर हिन्दु पूजा पद्धतियों पर रोक टोक शुरु हो चुकी है. कुछ दिनों पहले ग्वालियर में एक स्थान पर राम कथा शुरू होनी थी .... पर SDM ने इसलिए अनुमति नहीं दी क्योकि कुछ मुस्लिमो ने आरोप लगाया था की हिन्दू शोर बहुत करते ... तब स्थान बदलने पर ही कथा पूर्ण हो पाई .... विदित हो की उसी मैदान में कुछ दिनों पहले कव्वालियों का प्रोग्राम हुआ था ...
उससे पहले की भी एक घटना जिसे धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मीडिया ने दिखाना उचित नही समझा कि हैदराबाद में भी मंदिर में घंटिया बजाने पर रोक लगाने का प्रयास किया गया.
सोचिये जब पूर्ण बहुतमत से मुस्लिम सत्ता हासिल करेंगे तब हिन्दुस्तान में हिन्दुओं का क्या हर्ष होगा.
इसलिये सभी हिन्दु मित्रों से अनुरोध है कि हिन्दुस्तान पर मंड़राते हुये इस भयानक खतरे को पहचानों और अगर अपना जीवन, अपना धन, अपना धर्म और अपनी नारियों को बचाना है तो आज और अभी सौगन्ध खाकर प्रतिज्ञा करो कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक, कच्छ से लेकर आसाम तक हम एक हैं.. न ब्राह्मण हैं न क्षत्रिय हैं, न वैश्य हैं ना शूद्र हैं. हम केवल हिन्दु हैं. इस तरह एक विशाल हिन्दु वोट बनायेंगे. आज का सबसे बड़ा पुण्य कार्य यही है. यह आत्म रक्षा का धर्म है.
नही तो वह दिन दूर नही जब दुनिया हिन्दुओं की बेवकूफ़ी पर हंसेगी....
जय श्रीराम....

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