मुठ्ठी भर मुसलमानों ने चटा दी हिन्दुस्तान को धूल इस्लाम के अनुसार हिन्दुओं का सबसे बड़ा दोष यह है कि वह काफ़िर हैं. इसलिये इस्लाम के अनुसार काफ़िरों के लिये सिर्फ़ दो ही रास्ते हैं. या तो वे मुस्लमान बन जायें अथवा जलील करके मार ड़ाले जायें. कुरान मजीद में अल्लाह के इन्हीं आदेशों को मानकर मोहम्मद बिन कासिम ने सन् 712 में सिन्ध के राजा को मारकर हिन्दुस्तान की बरबादी की नीव रखी. जिससे प्रेरित होकर महमूद गजनवी ने 17 बार लाखों हिन्दुओं को मारा काटा. सोमनाथ मंदिर को लूटते और तोड़ते समय 50,0000 हिन्दुओं की हत्या की. (जिसका कारण हिन्दुओं की कायरता और जरुरत से ज्यादा अन्धविश्वास था. वह हिन्दु यही सोचते रहे की भगवान उन्हें धरती पर बचाने आयेगा इसिलिये उन्होंने कातिलों का सामना नही किया और मूली-गाजर की तरह काट ड़ाले गये. यदि उसी समय हिन्दुओं ने उन मुल्लों का डट कर सामना किया होता तो इतिहास कुछ और होता) महमूद गजनवी और उसके सैनिकों ने सोने और हीरे जवाहरातों से ढ़के हुये शिवलिंग को तोड़ दिया.. लूट-पाट मचाई और अपने सैनिकों के साथ मौत का ऐसा तांड़व खेला की सारा सोमनाथ शहर वीरान हो गया. सन् 1122 में मुहम्मद शहाबुद्दीन गोरी ने तराइन के मैदान में पृथ्वीराज चौहान की हत्या करके मौत का तांड़व खेला (इसमें में मुझे पृथ्वीराज चौहान की अदूरदर्शिता ही दिखती है. अगर पृथ्वीराज चौहान ने पहली बार में ही गोरी का सफ़ाया कर दिया होता तो पक्का इतिहास कुछ और होता. तो फ़िर कोई मुल्ला जल्दी से हिन्दुस्तान की तरफ़ नजर उठाने की हिम्मत न करता) मोहम्मद गोरी का साथ देने वाला जयचन्द भी गोरी के ही हाथों मारा गया. मुहम्मद गोरी की अगुआई में मुसलमानों ने कन्नौज से लेकर बनारस तक को लूटा और साथ-साथ हिन्दुओं का कत्लेआम किया. राजा जयचन्द्र की एक पत्नी सुहागदेवी ने मोहम्मद गोरी का साथ दिया था. बदले में गोरी ने सुहाग देवी से वादा किया था कि युद्ध जीतने के बाद वह उसके पुत्र को कन्नौज का राजा बना देगा. जब मोहम्मद गोरी जयचन्द्र का राज्य कन्नौज जीतकर हिन्दुओं को मारता, काटता, लूटता बनारस पहुँचा, तो शहर के फ़ाटक पर अपने पुत्र के साथ सुहाग देवी ने मोहम्म्द गोरी का स्वागत करते हुये अपना परिचय दिया. गोरी ने सुहादेवी को कैद कर लिया और उसके पुत्र को राजा बनाने के स्थान पर मुसलमान बना दिया. मुहम्मद गोरी के बाद कुतुबुद्दीन ऐबक, इल्तुतमिश,बलबन, अलाउद्दीन खिलजी,फ़िरोजतुगलक,सिकन्दर लोधी,तथा बाबर से लेकर औरंगजेब,अहमदशाह अब्दाली आदि बादशाहों ने हिन्दुओं का भयंकर कत्लेआम किया. सन् 1316 में तैमूर लंग कैदी बनाये गये. लगभग एक लाख हिन्दुओं को कुछ ही घंटों में मौत के घाट उतार दिया गया तथा दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक अपने घोड़े दौड़ाये, रास्ते में पड़ने वाली हिन्दु बस्तियाँ लूट ली गयी. सन् 1731 में नादिरशाह ने दिल्ली में पाँच घंटे में डेढ़ लाख हिन्दु गाजर, मूली की तरह कटवाकर फ़ेंकवा दिया. सन् 1556 में पानीपत के मैदान में अकबर से जब हेमू (हेमचन्द्र) हार गया तो बैराम खाँ हेमू को पकड़कर अकबर के सामने लाया और अकबर से कहा कि जहाँपनाह अपनी तलवार से इस काफ़िर हिन्दु का सिर धड से अलगकर आप गाजी की उपाधी धारण करें. अकबर ने अपनी तलवार से हेमू का सिर काटकर गाजी की उपाधी धारण की. औरंगजेब ने गोकुल जाट के सिर और धड के टुकडे-टुकडे करके चील, कौवों को खाने के लिये आगरे की कोतवाली के चबूतरे पर फ़ेंकवा दिया. गोकुल जाट के पूरे परिवार को तथा उसके हजारो साथियों को जबरदस्ती मुसलमान बना लिया गया. औरंगजेब ने शिवाजी के पुत्र शम्भा की आखें निकलवा ली और शम्भा जी के शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके कुत्तों को खिलवा दिया. औररंगजेब ने हिन्दुओं को बड़ी क्रूरता से कुचल दिया. हिन्दुओं की रक्षा करने वाले गुरु तेग बहादुर सिंह की हत्या करवा दी. गुरु गोविन्द सिंह के दो पुत्रों की हत्या करवा दी और दो को जिन्दा ही चुनवा दिया. बाद में गुरु गोविन्द सिंह की हत्या भी एक मुसलमान पठान ने कर दी. गुरु गोविन्द सिंह के शिष्य बंदा बैरागी को बादशाह फ़रुखशियार ने गिरफ़्तार करवा कर मुसलमान बन जाने को कहा. जब बंदा बैरागी ने मुसलमान बनना स्वीकार नही किया तो बंदा बैरागी और उनके सैकडों सैनिकों का बड़ी बेरहमी से कत्ल कर दिया गया. मतिराम को आरे से चिरवाया गया, कुछ को खोलते तेल में ड़ालकर मारा गया तथा कई रुई के बंड़ल में लपेटकर जला दिया गया. सिख गुरुओं पर भयंकर जुल्म किये गये. वास्तव में यह सभी बादशाह केवल कुरान मजीद के आदेशों का पालन कर रहे थे.. और यह कोई मुल्लों शौर्य की गाथा नही हिन्दुओं की बेवकूफ़ी, कायरता, अंधविश्वास और अत्यधिक दयालुता वाले स्वभाव की गाथा है. हिन्दुओं के साथ इतनी त्रास्दी होने के बाद भी हिन्दुओं ने अपने इतिहास से कोई सबक नही लिया. अगर आज भी हिन्दु नही समहले और ये ऊँच-नीच जैसे ढ़कोसलों को मानते हुये अपने धर्म के उदासीन बने रहेंगे तो वह समय दूर नही जब हिन्दुस्तान फ़िर से मुल्लास्थान बन जाये... इसलिये मेरा हिन्दुओं से आग्रह है की अब तो जागो और हिन्दु एकता को बढ़ावा दो.गर्व से बो ले हम एक है. किसी चमत्कार की उम्मीद न करें की भगवान आपको बचाने आयेगा. जान लो भगवान भी उसी का साथ देता है जो खुद अत्याचार का सामना करने के लिये आगे आता है. आत्म रक्षा ही सबसे बड़ा धर्म है. इसी उद्देश्य से निकाल दो हिन्दु समाज से शूद्र या दलित जैसे शब्द. भूल जाओ अव्यवहारिक अहिंसा को. मिटा दो अतिसहिष्णुता को और गर्व से बोलों हम हिन्दु हैं.. यह गाल पिटे वह गाल बढ़ाओ, यह तो आर्यों की नीति नही अन्यायी से प्रेम अहिंसा, यह तो गीता की नीति नही हे राम बचाओ जो कहता है, वह कायर है, खुद अपना हत्यारा है जो करे वीरता अति साहस वही राम का प्यारा है.
कुछ लोगो को जान बूझकर अनजान बने रहने की आदत हो गयी है. उनका जीवन दिशा विहीन है. वे एक गाल पर थप्पड़ सहकर दूसरे गाल को आगे करना अपनी मर्यादा समझते है. सोचते है की इसी से संभवतः पूरा राष्ट्र उन्हें राष्ट्रपिता बना देगा. क्या मिला महात्मा गाँधी को राष्ट्र पिता के नाम पर? अनचाही मौत. क्या दिया राष्ट्र को.. बेईमानो का नेतृत्व. कैसा दिख रहा है है भारत बर्ष? टुकड़ों में बँटा हुआ. यदि उन्हें ये सब पहले एहसास होता तो क्या वह अगले जन्म में महात्मा बनना चाहेंगे. क्या आप बनना चाहोगे. क्या आप अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों से चाहोगे की वह बने?
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