Tuesday, January 31, 2012

हिन्दुओं की मूर्खता

बहाराइच उत्तर प्रदेश में गाजी मियाँ की मजार है. (कब्र) है, जिसको पूजने देश के कोने-कोने से हिन्दु आते हैं. यह गाजी मियाँ महमूद गजनवी के पुत्र सालार महमूद गजनवी थे. महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ मंदिर में भयानक मार काट के बाद मंदिर में लूटा गया धन इसी सालार मसूद गाजी की निगरानी में गजनी ले जाया गया था. सन 1030 में जब महमूद गजनवी की मृत्यु हो गई, तो सालार मसूद गाजी गजनी का बादशाह हुआ. बाद में 1040 में तुर्को ने गजनी को जीत लिया और सालार मसूद गाजी भारत की ओर भागा. उसे अपने इसी चारागाह की याद आई, जिसमें उसने अपने पिता के साथ बिना किसी खास रोक-टोक के लूटपाट , मारकाट की थी. यह याद आते ही सालार मसूद गाजी ने भारत में मारकाट और लूटपाट के साथ प्रवेश किया और बहराइच उ.प्र. तक जा पहुँचा, जहाँ राजा सुहेल देव पासी के हाथों मारा गया था. उसके सैनिकों ने उसे वहीं दफ़न कर दिया. जिसकी कब्र गाजी मियां के नाम से मशहूर है. आज उसी गाजी मियां को हिन्दु अपना कुल देवता बनाकर पूज रहें हैं. जो उन्हीं को काटने चला था. अगर वह जिन्दा होकर उठ सकता, तो अपनी कब्र पूजने वाले काफ़िर हिन्दुओं का सिर धड़ से अलग कर देता. आज गाजीमियां की तो हिन्दु धूमधाम से पूजा कर रहा है, जो उन्हें काटने आया था. लेकिन सालार मसूद गाजी को मारकर हिन्दुओं को कटने से बचाने वाले सुहेलदेव पासी का कोई नाम तक नही जानता. तैंतीस करोड़ देवताओं में क्या ऐसा कोई भी काबिल देवता था जिसे ऐसे मूर्ख हिन्दु अपना कुल देवता बना सकते? संसार में इससे बड़ी धार्मिक अनुशासनहीनता और मूर्खता का उदाहरण आपको नही मिलेगा. इस गाजी पूजा को हिन्दु-मुस्लिम एकता का बेजोड़ उदाहरण बताया जाता है.
आज अगर किसी मन्दिर के पास में कोई मजार है, तो हिन्दु मंदिर में कम, मजार में अधिक जायेंगे. इसके पीछे आज के हिन्दुओं के धर्म में सच्चाई, त्याग, वीरता, उत्साह और साहस के स्थान पर, स्वार्थ तथा लालच पैदा करने वाली झूठे चमत्कारों वाली कथायें हैं. हिन्दु बचपन से लेकर बूढे होने तक चमत्कारों की झूठी कहानियाँ सुनता रहता है. इसलिये वह ऐसे ही चमत्कारों को देखने की इच्छा लेकर बाबाओं, कब्रों, मज़ारों या दरगाहों में भटकता रहता है. जहाँ हाथ की सफ़ाई या चेलों द्वारा किये जा रहे नाटक से प्रभावित होकर ठगा जाता है.

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